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Shayari 
एक शब्द में क्या तारीफ करू आपकी,
आप शब्दों में कहाँ बंध पाओगे।
बस इतना जान लो कि, जब बात होगी दोस्त की,
मेरी आंखों में आप ही नजर आओगेे ॥


जब ये सुना है मरने का नाम जिन्दगी है।
सर से कफन लपेटे कातिल को ढूँढते हैं॥

सब लोग जिधर हैं वो उधर देख रहे हैं।
हम देखने वालों की नजर देख रहे हैं ॥


कातिल बही है जिसका हर अन्दाज हो कातिल।
खन्जर की मदद से कोई कातिल नहीं होता ॥



फूल बनकर मुस्कुराना हम जानते हैं,
मुस्करा के गम भुलाना हम जानते हैं।
मिल के लोग खुश हुए तो क्या हुआ,
बिना मिले रिश्ते निभाना हम जानते हैं।।

हो पूरी दिल की हर ख्वाहिश आपकी,
और मिले खुशियों का जहां आपको।
अगर आप मांगे आसमां का एक तारा,
तो खुदा दे दे सारा आसमा आपको॥



काश रेखा ने हमें अपना सिकोटी बनावा होता।
अपने साथ हमें मंदिर में बैटाया होता।
सुना करते हम आपके दिल की हर बात को,
और खुदा से आपकी हर बात को मनाया होता।


बेवजह किसी को सताया नहीं करते,
हृद से ज्यादा किसी को तड़पाया नहीं करते।
जिसकी सांस चलती हो आपकी लफजों से,
उन्हें अपनी आवाज के लिए तरसाया नहीं करते॥



आपकी मुस्कान हमारी कमजोरी है,
कह न पाना हमारी मजबूरी है।
आप क्यों नहीं समझते इस खामोशी को,
क्या खामोशी को जुबा देना जरूरी है।।


न जाने मौहब्बत में क्यों है जरूरी।
वो कुछ हसरतें जो कभी हों न पूरी॥

मोहब्बत में किसी को क्या शिकायत ।
जो होता आ रहा है, हो रहा है।



यूँ हवा पास से गुजरती है ।
जैसे कहदी किसी ने प्यार की बात ॥


यू तो दिल को कभी करार न था।
अब बहुत बेकरार रहता है।।


धड़कनों से दिल की ये समझा हूँ मैं।
जिन्दगी बेचैनियों का नाम है।॥

वो कहते हैं मैं जिन्दगानी हूँ तेरी।
ये सच है तो इसका भरोसा नहीं है॥


जमाना बड़े शौक से सुन रहा था।
हमीं सो गये दास्तां कहते-कहते।।

मिलो इन दिनों से हमसे एक रात जानी।
कहाँ हम कहाँ तुम कहाँ फिर जवानी॥


चेहरे पे हँसी छा जाती है,
 ऑँखों में सुरूर आ जाता है।
जब तुम्हरा सरेटिंग मिलता है, मु
झे खुद पे गरूर आ जाता है।




खुश्बू आपकी दोस्ती को महका जाती है,
आपकी हर बात हम को बहका जाती है।
सांस तो बहुत देर लेती है आने जाने में,
हर सांस से पहले आपकी याद आ जाती है।

हमें अपनी यादों में बसाये रखना,
हमारी बादों को दिल से लगाये रखना।
बहुत लम्बा है ये सफर जिन्दगी का,
एक हिस्सा हमें भी बनाए रखना॥

बिखरी हुई जुल्फों को जंजीर बना लो,
आखों में बंद ख्वाब को तस्वीर बना लो।
कागज पे लकीर बहुत खींच ली तुमने,
उन सबको मिलाकर मेरी तस्वीर बना लो।॥



जब भी तुमको देख लूँ तो दिलमें मुझको लगा।
है जैसे कि तुम मेरी धड़कन में बस गये हो ॥

तुम हमसे ज्यादा मिलो नहीं, 
कहीं तुमसे प्यार न हो जाये ।
अब तक तो छिपाये रखा.था 
कहीं अब इजहार न हो जाये॥

हम तुमसे प्यार तो करते हैं, 
पर दुनियाँ से भी डरते हैं।
तुमसे मिलने के लिए सनम, 
अल्ला से दुआएँ करते हैं ॥।

जब सामने तुम आ जाते हो,
 हम दिल में खुश हो लेते हैं।
तुमसे हम मिलन के हंर पल को, 
यादों में पा लेते हैं ।

मिले तेरी नजर मुझसे तो मेरी नजर झुक जाती हैं।
कहना तो चाहूँ बहुत मगर पर धड़कन रूक जाती है।


तस्वीर बनाने वाले ने तस्वीर बनाकर खूब किया।
वरना तुम्हारी सूरत देखने को तरस जाते हैं हम ॥

हाथों में ले के हाथ मेरा फिर छोड़ना इसे ना जीवन भर।
बनकर तेरी परछाई तेरे साथ रहूँगी जीवन भर।।

तेरी जुल्फों के साये में हम बिस्तर लगाके सोयेंगे।
बस इसी छाँव में जीवनभर हम सपने सजाके सोयेंगे ।

तुम से दिल का रिश्ता है,
 काजल मेरा हर आहसास हो तुम 
दीवाने जिस्म में आती जाती,
 मेरी हर सांस हो तुम ॥



रात को दिन, दिन को रात, 
सुबह को शाम समझ बैठा हूँ।
कुछ यूं खोया तेरे प्यार में मेरी,
 जान तेरे नाम कर बैठा हूं ॥



खुदा तेरी महफिल में ये दिवाना देवर करे इंतजार।
मोहब्बत की खुश्बू से महके रजनी भाभी का संसारं ॥

क्या यही प्यार है, जहां हर बक्त रोना पड़ता है।
प्यार है वो मीठा जहर जिसे हंसकर पीना पड़ता है।

करिश्मा सी आंख हैं तेरी, 
मनीषा सी मस्तानी तुम ।
अदाए तुझ में है जूही सी, 
एश्वर्या सी दीवानी हो तुम॥


खुशियां आये तेरे दामन में बहारों की तरहा
चमकती रहो दमकती रहो, 
प्रियंका स्टारं की तरहा॥




दिल में बसने वाली सहेली इक आदर्श अहसास बनो तुम ।
अंधकार हो हारने वाली, 
ऐसा उज्जवल प्रकाश बनो तुम ॥



नया दीप हो नयी ज्योति हो, 
नया प्यार हो अपनों में।
सभी पूण आशाएं हो साजन,
 जो देखा आपने सपनों में ॥



मैंने तुमसे प्यार किया, 
महिवाल जानकर
तुमने दिल से खेला, 
फुटबाल जानकर ॥


मैने तुमको चाहा लैला की तरह
तेरे बाप ने तोड़ दिया, केला की तरह ॥



जिन्दगी रही तो बार-बार मिलेंगे
अगर न रही जिंदगी हरिद्वार में मिलेगे

कभी न खाओ दूध दही, 
कभी न पालो गाय।
तन्दुरस्थी की रक्षा करता है लाइफ ब्नाय॥

ऐसी बानी बोलिए कि सबसे झगड़ा होय।
बस उससे झगड़ा न होय, 
जो आपसे तगडा होय॥

लक्स संतूर, ब्रीज चाहे तमाम ही लगाना।
गर हमसे मिलने आना तो जरूर तुम नहाना।।


वैसे मरने की तो एक दिन सारे मरते हैं।
पर उनकी है बात अलग जो उल्फत करते हैं।


जाता यहाँ से है नहीं चलाता जबान है।
जुते सिर पर खाने क्या लिया अरमान है॥

जहां देखी, भली सूरत मचल जाते हैं दिवाने।
उठा कर मुंह चले आते हैं सर जूतियां खाने । ॥

वाह रे , दिवाने तुझे सूझी है दूर की।
सूरत लंगूर की है ख्वाहिश अंगूर की ॥


हाथों में तेरे ये खजाना आ नहीं सकता।
आवारा ये हुस्न तू पा नहीं सकता।।

उनसे यह कह दो कि मेरी राह में आया न करो।
गर आ भी जाये तो मुंह फेर कर जाया न करो ॥



दिले नादान था मेरा तुझे समझा नहीं मैंने।
मेरी खामोशी को तूने न कोई प्यार भरमाया॥



शराबी रात आयी थी लड़खड़ाकर कदम अपने ।
मुझे तो होश था अपना इसलिए दिल न चल पाया|॥

मुसाफिर तो नजर आया मगर था कितने दिन का साध.
दिखाकर झलक वो अपनी मुझे गम की दिखा गया रात ॥

मुझे अब भी भरोसा है कहीं से आयेगा जालिम।
वो अपने संग लायेगा खुशी से प्यार की सौगात ॥

मेरे अरमानों की बारात तुम्हारे घर से गुजरी थी।
मगर तुमने उसे ए दोस्त अपने घर नहीं रोका॥

अगर तुम रोक लेते मेरे अरमानों की बारात।
तो मेरा दिल नहीं खाता कभी भी इस कदर धोखा। ॥

प्यार तुझसे था मगर इकरार अब तक कर न पाये ।
हम सदा तेरे रहें इकरार अब तक कर न पाये॥

मैं अंधेरे मे बस इसलिए जी रही।
एक ना एक दिन रोशनी आयेगी ॥




जो छिपी है मेरी आँख से वो-खुशी।
इन अंधेरों के दामन मे ही पायेगी ॥

जिस खुशी के लिए मैं तड़पती रही।
तुम मुझे वो खुशी क्यों नहीं दे सके॥

जो सुख के सागर में डूबे वो दुःख की आँधी क्या जानें ।
जिनके होठों पर मुस्कानें वो गम के आँसू क्या जाने ॥

जिनको दुनियाँ ने चाहा हो वो नफरत को क्या जाने।
जिनको अपनों का प्यार मिला वो वेगानापन क्या जानें ।।

जिसने अपनी मंजिल पायी वो राह की ठोकर क्या जाने ।
जिनकी महफिल रंगीनें हों वो तन्हाई को क्या जाने ॥

शायद आज मुझे तेरी जरूरत सबसे ज्यादा है।
आज ही दोस्त तेरा प्यार मेरी ओर आधा है ॥

मुझे पगली बनाकर कह गया आऊँगा वापस में।
मुझे तो घर पे छोडा और से मिलने का वादा है ॥

उনही की सूरत तकदीर के पन्नों पे चिपकी है।
इसी सूरत को हम अपना बनाने की दुआ करते। ॥



न सत्ता साथ जाती है न सम्पत्ति साथ जाती है
फख्त इंसानियत ही सनम हरहाल में साथ जाती है

सजाया है तुम्हीं ने बाग मेरा बागवां बनकर।
उजाड़ा है तुम्ही ने बाग मरा बागवा बनकर।



गम क्या तुझको खुदा तेरे साथ है।
मौत और जिन्दगी उसी के हाथ है

मिट जाए मुहब्बत की दुनिया यह बात कोई आसान नहीं।
अरमान भरा ये दिल मेरा नाजुक है मगर नादान नहीं ॥

माना कि बहुत है आप हसीं दिल को ठुकराया करते हैं।
लेकिन हम भी दिल वाले दुश्मन को लगाया करते हैं।

यही डर लग रहा प्यार करके दिल न पछताएँ।
मेरी नाजुक जवानी दर्द की दुनियां न बन जाए।

 हमारे सनम भी हमसे नजर चुरा बैठे।
वफा क नाम पे बेकार दिल लगा वैठे॥


हायशेखी भी इतनी कि आप खुद को भगवान समझ बैठे।
है खैर हमारे दिल को ही आप अपना मकान सन बैठे।


जब तक निगाहों से तेरी दिल की मुलाकात न थी।
जीने को तो जीते थे ये रंज भरी बातें न थी ॥


प्यार करना भी क्या कोई इल्जाम है
नाम तो उल्करत का फिर भी बदनाम है।

आके जगाए सपनों में आधी रात को
मैं न जागूं तो मरोड़े मेरे हाथ को ॥


अजी छोड़ों हसीनों में बनावट के सिवा क्या है।
अदाएं ही दाएं हैं सजावट के सिवा क्या है॥

शीशी भरी गुलाब की पत्थर से फोड़ दू
तेरे हुस्न को देखकर घरवाली को छोड़ दें॥

ख्वाब देखा रात को बेख्वाब की ताबीर थी।
थी आलमें खामोशी और अपनी तस्वीर थी।

होंठ गुलाब की कली निगाहों में जादू है।
यह यौवन का उभार दिल पर किसको काबू है॥

जान लेने का अंदाज नया है देखो।
फूल  सा जिस्म है खुश्बू सी कजा है देखो।॥


तम्हें देखा था बस एक दिन तरसती ये नजर रह गयी । ।
मिलन की आस रखी थी आसे दिल में रह गयी।


तुम्हारे रास्ते पर हम निगाहें थाम के बैठे तुम्हें जो देखा था।
चले गये न दिखे मुझको आखिरी ये खबर रह गयी ।

खुदा जब जिन्दगी देना मुझे वो हर खुशी देना ।
लगे जब दिल किसी से तो मुझे तू दिलकशी देना॥।

कोई अच्छा लगे हमदम वही जीवन का साथी हो।
उसी की नजर में रहने की मुझको बन्दगी देना ॥

गमों की गहरी खायी में पड़ी हूँ बनके मैं पत्थर।
निकल सकती नहीं खुद से निकाले कोई राही गुजर।

कुछ गम तो अपनों ने दे डाले, कुछ बेगाने दे गये।
सम्भल पायी न आकर गिर गया गमो का ये कहर।

गमों की गहरी खाई में पड़ी हूं बनके मैं पत्थर।
ऐ देख जरा तेरे चाहने वालों की क्या हालत हो गया।

जिन्दगी के रास्ते कठिनाई से भरे हैं।
इन्हीं रास्तों से मुझे मंजिल तक पहुँचना



राह में देखकर पत्थर रूकना नहीं मुझको।
बचाकर पैर पत्थरों से आगे पहुँचना है ॥

चाहे कितनी भी मुश्किल हो दर्द भी सहना पड़े।
हँसते-हँसते कदमों को बढ़ाकर पहुँचना है।

मुझे मेरी जिन्दगी मेरे मुकाम तक ले जायेगी।
जल्दी-जल्दी चलूँ क्योंकि उस मुकाम तक पहुँचना है।।

खुदा वक्से करारे दिल मेरा बेकरार ज्यादा है।
किसी से भी पूछो दिल में मेरे प्यार ज्यादा है।॥

एक नजर देखकर उसको उसी के हो गये हम तो ।
उसी से कहना है खाले दिले इजहार ज्यादा है॥

किसी के हुश्न का जादू नहीं चल पाया नजरों पर।
मगर उसका मेरी नजर को अब इन्तजार ज्यादा है॥

कुबूले प्यार मेरा वो मुझे भी अपना कह डाले।
धड़कनों को मेरी उससे आज इकरार ज्यादा है॥

जिक्र सुनकर उसी का मेरे दिल को चैन मिलता है।
पहले दिल से मेरे गुलशन में अब बहार ज्यादा है ॥।


बैठो ना दूर हमसे देखो खफा न हो
किस्मत से मिल गए हो मिलकर जुदा ना हो।

हम जैसे आशिकों पर इल्जाम होते हैं।
निगाहें नेक होती है मगर बदनाम होते हैं॥

चांदनी चांद करता है सितारा नहीं।
प्यार दिलवाला करता हैआवारा नहीं

फानूस बनकर हिफाजत जिसकी महवा करे
वो शरमा कैसे बुझे जिसे रोशन खुदा करे ॥

ए चांद मुझसे ना शरमा मैंने भी चांद देखा।
तुझमें तो दाग है मैंने बेदाग देखा है।

मुहब्बत गर न होती क्यों चमक होती सितारों में।
घटाएं झूमती क्यों फूल क्यों खिलते बहारों में


चींटी चढ़ती है पहाड़ पर मरने के वास्ते।।
लड़कियां फैशन करती हैं लड़कों के वास्ते ॥

कदम कैसे उठे कांटों भरी है प्यार की राहें।
कहीं बिखरे हुए आंसू कहीं बिखरी हुई अंहिं ॥

अजी मंजिल पे जब महबूब का दीदार होता है।
खबर होती है फिर कितना सुहाना प्यार होता है॥

क्यों जलंते हो देखकर मेरी बालियां।
दिल न दूंगी,दूंगी सौ-सौ गालियां ॥

आंखों में लाल डोरा, कानों में बालियां
हमको गरीब जानकर देती हो गलियां


तेरे सदके मिला दे मेरा प्यार ऊपर वाले।
देखूं दुनियां की मैं भी बहार ऊपर वाले॥

जरा सुन ले तू इसकी बहार ऊपर वाले
है ये मजनू बड़ा ही बेकरार ऊपर बाले ॥


मैं वही हूँ मेरे दिल की धड़कन वही।
दिल भी बेचैन है उतनी तड़पन वही।


तुम क्या गये साजन मेरे दिल का करार चला गया।
तुम्हारा जाना मेरे बाग की बहार लेकर चला गया।


मैंने दिल से मुहब्बत तुम्हीं से है करी
तुम्हारे साथ मेरी मुहब्बत का प्यार चला गया


मगर कब चुपके से आकर मेरे दिल में आ गये
मेरी आँखों की पलकें पर कब कैसे छा गये

दुबारा तुमको अपना दिल की धडकन कहना चाहते हैं
न जाने कैसे तुम में हम अपनी हर खुशी पा गये

अब नहीं लगता कि तुम साथी मेरे बन पाओगे।
सर बाँधकर सेहरा नहीं तुम घर मेरे आ पाओगे ।

हम चाहे न चाहें मगर क्या करें,
ये दस्तूर फिर भी निभाना पड़ेगा।
जिसे मानें न मानें मगर क्या करें,
उसे दूल्हा तो अपना बनाना पड़ेगा।

जिसे जाना था माना था पहुंचाना था,
उसका दामन खुदा ने छुड़वा दिया।
 जिसे जाने न जाने मगर क्या करें,
उसके घर हमको हर हाल जाना पड़ेगा ॥

तेरी यादों को आँसू में बहा डालेंगे ऐसे हम ।
कि जैसे सागरों में फूल कोई ठहरता नहीं।॥

गैरों से गिला नहीं हमें तो अपनों ने लूटा है।
हम वो साहिल हैं जिसे किनारों ने लूटा है ॥

अगर तूफा आता तो सम्भल जाते हम
हमें तो आहिस्ता चलती बहारों ने लूटा है॥

हमारी जिन्दगी में तो दीये की लौ ही काफी थी।
मेरे दिल में करके रोशनी मुझे सितारों ने लूटा है ।

Love shari Loves shayri


घटा ने रंग चुराया है तेरे बालों से
हर एक फूल गुलाबी है तेरे गालों से॥



मुहब्बत का राज बताया नहीं जाता
निगाहें खुद समझ लेती हैं, समझाया नहीं जाता।


सीने से लगा दूं तुम्हें अरमान बही है।
जीने का मजा है तो मेरी जान यही है।


उस रात चांद भी छुपा आसमां में था।
खुशनसीब कोई भी मुझसा न इस जहां में था।

हाले दिल किससे कहूं यहां कौन मरहमकार है।
सुनने वाला जब नहीं सुनता तो बिल्कुल बेकार है

सावन में मरूस्थल भी चहक जाते हैं।
कांटे भी बहारों में महक जाते हैं

कभी इंकार करते हो, कभी इकरार करते हो।
तो मतलब साफ जाहिरे है किसी से प्यार करते हो।

नजरों ही नजरों में नजर अटक न जाए
इस दिल का क्या ठिकाना कहीं भटक न जाए।


डुबा हुआ हूँ जबसे तुम्हारी मुहब्बत में।
देखता हूँ तुमको दिये तुम्हारे खत में




वैसे मरने की तो एक दिन सारे मरते हैं।
पर उनकी है बात अलग जो उल्फत करते हैं।


जाता यहाँ से है नहीं चलाता जबान है।
जुते सिर पर खाने क्या लिया अरमान है॥

जहां देखी, भली सूरत मचल जाते हैं दिवाने।
उठा कर मुंह चले आते हैं सर जूतियां खाने । ॥

वाह रे , दिवाने तुझे सूझी है दूर की।
सूरत लंगूर की है ख्वाहिश अंगूर की ॥


हाथों में तेरे ये खजाना आ नहीं सकता।
आवारा ये हुस्न तू पा नहीं सकता।।

उनसे यह कह दो कि मेरी राह में आया न करो।
गर आ भी जाये तो मुंह फेर कर जाया न करो ॥





दिले नादान था मेरा तुझे समझा नहीं मैंने।
मेरी खामोशी को तूने न कोई प्यार भरमाया॥



शराबी रात आयी थी लड़खड़ाकर कदम अपने ।
मुझे तो होश था अपना इसलिए दिल न चल पाया|॥

मुसाफिर तो नजर आया मगर था कितने दिन का साध.
दिखाकर झलक वो अपनी मुझे गम की दिखा गया रात ॥

मुझे अब भी भरोसा है कहीं से आयेगा जालिम।
वो अपने संग लायेगा खुशी से प्यार की सौगात ॥

मेरे अरमानों की बारात तुम्हारे घर से गुजरी थी।
मगर तुमने उसे ए दोस्त अपने घर नहीं रोका॥

अगर तुम रोक लेते मेरे अरमानों की बारात।
तो मेरा दिल नहीं खाता कभी भी इस कदर धोखा। ॥

प्यार तुझसे था मगर इकरार अब तक कर न पाये ।
हम सदा तेरे रहें इकरार अब तक कर न पाये॥

मैं अंधेरे मे बस इसलिए जी रही।
एक ना एक दिन रोशनी आयेगी ॥




जो छिपी है मेरी आँख से वो-खुशी।
इन अंधेरों के दामन मे ही पायेगी ॥

जिस खुशी के लिए मैं तड़पती रही।
तुम मुझे वो खुशी क्यों नहीं दे सके॥

जो सुख के सागर में डूबे वो दुःख की आँधी क्या जानें ।
जिनके होठों पर मुस्कानें वो गम के आँसू क्या जाने ॥

जिनको दुनियाँ ने चाहा हो वो नफरत को क्या जाने।
जिनको अपनों का प्यार मिला वो वेगानापन क्या जानें ।।

जिसने अपनी मंजिल पायी वो राह की ठोकर क्या जाने ।
जिनकी महफिल रंगीनें हों वो तन्हाई को क्या जाने ॥

शायद आज मुझे तेरी जरूरत सबसे ज्यादा है।
आज ही दोस्त तेरा प्यार मेरी ओर आधा है ॥

मुझे पगली बनाकर कह गया आऊँगा वापस में।
मुझे तो घर पे छोडा और से मिलने का वादा है ॥

उনही की सूरत तकदीर के पन्नों पे चिपकी है।
इसी सूरत को हम अपना बनाने की दुआ करते। ॥





न सत्ता साथ जाती है न सम्पत्ति साथ जाती है
फख्त इंसानियत ही सनम हरहाल में साथ जाती है

सजाया है तुम्हीं ने बाग मेरा बागवां बनकर।
उजाड़ा है तुम्ही ने बाग मरा बागवा बनकर।



गम क्या तुझको खुदा तेरे साथ है।
मौत और जिन्दगी उसी के हाथ है

मिट जाए मुहब्बत की दुनिया यह बात कोई आसान नहीं।
अरमान भरा ये दिल मेरा नाजुक है मगर नादान नहीं ॥

माना कि बहुत है आप हसीं दिल को ठुकराया करते हैं।
लेकिन हम भी दिल वाले दुश्मन को लगाया करते हैं।

यही डर लग रहा प्यार करके दिल न पछताएँ।
मेरी नाजुक जवानी दर्द की दुनियां न बन जाए।

 हमारे सनम भी हमसे नजर चुरा बैठे।
वफा क नाम पे बेकार दिल लगा वैठे॥


हायशेखी भी इतनी कि आप खुद को भगवान समझ बैठे।
है खैर हमारे दिल को ही आप अपना मकान सन बैठे।


जब तक निगाहों से तेरी दिल की मुलाकात न थी।
जीने को तो जीते थे ये रंज भरी बातें न थी ॥


प्यार करना भी क्या कोई इल्जाम है
नाम तो उल्करत का फिर भी बदनाम है।

आके जगाए सपनों में आधी रात को
मैं न जागूं तो मरोड़े मेरे हाथ को ॥


अजी छोड़ों हसीनों में बनावट के सिवा क्या है।
अदाएं ही दाएं हैं सजावट के सिवा क्या है॥

शीशी भरी गुलाब की पत्थर से फोड़ दू
तेरे हुस्न को देखकर घरवाली को छोड़ दें॥

ख्वाब देखा रात को बेख्वाब की ताबीर थी।
थी आलमें खामोशी और अपनी तस्वीर थी।

होंठ गुलाब की कली निगाहों में जादू है।
यह यौवन का उभार दिल पर किसको काबू है॥

जान लेने का अंदाज नया है देखो।
फूल  सा जिस्म है खुश्बू सी कजा है देखो।॥


तम्हें देखा था बस एक दिन तरसती ये नजर रह गयी । ।
मिलन की आस रखी थी आसे दिल में रह गयी।


तुम्हारे रास्ते पर हम निगाहें थाम के बैठे तुम्हें जो देखा था।
चले गये न दिखे मुझको आखिरी ये खबर रह गयी ।

खुदा जब जिन्दगी देना मुझे वो हर खुशी देना ।
लगे जब दिल किसी से तो मुझे तू दिलकशी देना॥।

कोई अच्छा लगे हमदम वही जीवन का साथी हो।
उसी की नजर में रहने की मुझको बन्दगी देना ॥

गमों की गहरी खायी में पड़ी हूँ बनके मैं पत्थर।
निकल सकती नहीं खुद से निकाले कोई राही गुजर।

कुछ गम तो अपनों ने दे डाले, कुछ बेगाने दे गये।
सम्भल पायी न आकर गिर गया गमो का ये कहर।

गमों की गहरी खाई में पड़ी हूं बनके मैं पत्थर।
ऐ देख जरा तेरे चाहने वालों की क्या हालत हो गया।

जिन्दगी के रास्ते कठिनाई से भरे हैं।
इन्हीं रास्तों से मुझे मंजिल तक पहुँचना



राह में देखकर पत्थर रूकना नहीं मुझको।
बचाकर पैर पत्थरों से आगे पहुँचना है ॥

चाहे कितनी भी मुश्किल हो दर्द भी सहना पड़े।
हँसते-हँसते कदमों को बढ़ाकर पहुँचना है।

मुझे मेरी जिन्दगी मेरे मुकाम तक ले जायेगी।
जल्दी-जल्दी चलूँ क्योंकि उस मुकाम तक पहुँचना है।।

खुदा वक्से करारे दिल मेरा बेकरार ज्यादा है।
किसी से भी पूछो दिल में मेरे प्यार ज्यादा है।॥

एक नजर देखकर उसको उसी के हो गये हम तो ।
उसी से कहना है खाले दिले इजहार ज्यादा है॥

किसी के हुश्न का जादू नहीं चल पाया नजरों पर।
मगर उसका मेरी नजर को अब इन्तजार ज्यादा है॥

कुबूले प्यार मेरा वो मुझे भी अपना कह डाले।
धड़कनों को मेरी उससे आज इकरार ज्यादा है॥

जिक्र सुनकर उसी का मेरे दिल को चैन मिलता है।
पहले दिल से मेरे गुलशन में अब बहार ज्यादा है ॥।


बैठो ना दूर हमसे देखो खफा न हो
किस्मत से मिल गए हो मिलकर जुदा ना हो।

हम जैसे आशिकों पर इल्जाम होते हैं।
निगाहें नेक होती है मगर बदनाम होते हैं॥

चांदनी चांद करता है सितारा नहीं।
प्यार दिलवाला करता हैआवारा नहीं

फानूस बनकर हिफाजत जिसकी महवा करे
वो शरमा कैसे बुझे जिसे रोशन खुदा करे ॥

ए चांद मुझसे ना शरमा मैंने भी चांद देखा।
तुझमें तो दाग है मैंने बेदाग देखा है।

मुहब्बत गर न होती क्यों चमक होती सितारों में।
घटाएं झूमती क्यों फूल क्यों खिलते बहारों में


चींटी चढ़ती है पहाड़ पर मरने के वास्ते।।
लड़कियां फैशन करती हैं लड़कों के वास्ते ॥

कदम कैसे उठे कांटों भरी है प्यार की राहें।
कहीं बिखरे हुए आंसू कहीं बिखरी हुई अंहिं ॥

अजी मंजिल पे जब महबूब का दीदार होता है।
खबर होती है फिर कितना सुहाना प्यार होता है॥

क्यों जलंते हो देखकर मेरी बालियां।
दिल न दूंगी,दूंगी सौ-सौ गालियां ॥

आंखों में लाल डोरा, कानों में बालियां
हमको गरीब जानकर देती हो गलियां


तेरे सदके मिला दे मेरा प्यार ऊपर वाले।
देखूं दुनियां की मैं भी बहार ऊपर वाले॥

जरा सुन ले तू इसकी बहार ऊपर वाले
है ये मजनू बड़ा ही बेकरार ऊपर बाले ॥


मैं वही हूँ मेरे दिल की धड़कन वही।
दिल भी बेचैन है उतनी तड़पन वही।


तुम क्या गये साजन मेरे दिल का करार चला गया।
तुम्हारा जाना मेरे बाग की बहार लेकर चला गया।


मैंने दिल से मुहब्बत तुम्हीं से है करी
तुम्हारे साथ मेरी मुहब्बत का प्यार चला गया


मगर कब चुपके से आकर मेरे दिल में आ गये
मेरी आँखों की पलकें पर कब कैसे छा गये

दुबारा तुमको अपना दिल की धडकन कहना चाहते हैं
न जाने कैसे तुम में हम अपनी हर खुशी पा गये

अब नहीं लगता कि तुम साथी मेरे बन पाओगे।
सर बाँधकर सेहरा नहीं तुम घर मेरे आ पाओगे ।

हम चाहे न चाहें मगर क्या करें,
ये दस्तूर फिर भी निभाना पड़ेगा।
जिसे मानें न मानें मगर क्या करें,
उसे दूल्हा तो अपना बनाना पड़ेगा।

जिसे जाना था माना था पहुंचाना था,
उसका दामन खुदा ने छुड़वा दिया।
 जिसे जाने न जाने मगर क्या करें,
उसके घर हमको हर हाल जाना पड़ेगा ॥

तेरी यादों को आँसू में बहा डालेंगे ऐसे हम ।
कि जैसे सागरों में फूल कोई ठहरता नहीं।॥

गैरों से गिला नहीं हमें तो अपनों ने लूटा है।
हम वो साहिल हैं जिसे किनारों ने लूटा है ॥

अगर तूफा आता तो सम्भल जाते हम
हमें तो आहिस्ता चलती बहारों ने लूटा है॥

हमारी जिन्दगी में तो दीये की लौ ही काफी थी।
मेरे दिल में करके रोशनी मुझे सितारों ने लूटा है ।

Love shari Loves shayri


घटा ने रंग चुराया है तेरे बालों से
हर एक फूल गुलाबी है तेरे गालों से॥



मुहब्बत का राज बताया नहीं जाता
निगाहें खुद समझ लेती हैं, समझाया नहीं जाता।


सीने से लगा दूं तुम्हें अरमान बही है।
जीने का मजा है तो मेरी जान यही है।


उस रात चांद भी छुपा आसमां में था।
खुशनसीब कोई भी मुझसा न इस जहां में था।

हाले दिल किससे कहूं यहां कौन मरहमकार है।
सुनने वाला जब नहीं सुनता तो बिल्कुल बेकार है

सावन में मरूस्थल भी चहक जाते हैं।
कांटे भी बहारों में महक जाते हैं

कभी इंकार करते हो, कभी इकरार करते हो।
तो मतलब साफ जाहिरे है किसी से प्यार करते हो।

नजरों ही नजरों में नजर अटक न जाए
इस दिल का क्या ठिकाना कहीं भटक न जाए।


डुबा हुआ हूँ जबसे तुम्हारी मुहब्बत में।
देखता हूँ तुमको दिये तुम्हारे खत में

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तेरी तस्वीर को अब हमने दुनियाँ से बचाके रखा हैं।
इसे देख सके ना कोई भी इस कदर छिपा के रखा हैं।

हम छोड़के आये घर अपने, तेरे गाँव की गालियों में।
लाये है गूंथ के यादों में, तेरे प्यार की सब कलियों को ॥

आबाद न हो पाये अब तक तेरी यादों की जंजीरों से।
तन्हाई में हम करते हैं अब वात तेरी तस्वीरों से ॥

तस्वीर तुम्हारी देख हम अब वक्त गुजारा करते हैं।
हम जब भी तन्हा बैठे हों तो तुम्हें पुकारा करते हैं।

जब भी हमारा दिल करे हम देखलें तस्वीर को।
फिर देखकर तस्वीर हम कम कर लें अपनी पीर को ॥

ये आसमाँ भी आज झुककर कह रहा कुछ दासतां।
चूम लेती हाथ भी वो आज होते अगर यहाँ ॥

थे वो करीब मेरे मगर किस्मत ने करवट बदल लिया।
वो दूर मुझसे हो गये मैंने क्यूँ उनको दिल दिया॥

है मुझे अहसास इतना तेरी इन सव बातों से।
मेरी तरह तुम भी सनम मुझसे प्यार करते हो ।



एक तुम ही तो हो जिससे प्यार करता हूँ।
तेरे लिए जीता हूँ तेरे लिए मरता हूँ।
मैंने जब तुम्हें उस खुदा से मांग ही रखा है,
तो भला जालिम जमाने से कहाँ डरता हूँ॥




हर पल खिली हैं तुम्हारे जीवन की बहारें,
तुमको ही लग जाये, जिन्दगी के बाकी दिन हमारे।
तुम्हारी जिंदगी के दिन हो, इतने मेरे दोस्त,
जितने कि दिखाई देते हैं आसमान पर तारे ।




बस इसलिए कुछ लिख न पाये कोरा कागज रह गया।
वस सोचते सौचते तुमकी लिख न पाये कुछ भी खास।

मेरे दिल के प्यार को एक दौस्त ने टुकरा दिया।
क्या खूब उसने आज मुझको प्यार का तौहफा दिया ।

हम कह न पाये अपना गम दिल में लिये फिरते रहे।
मेरी तड़प को आज उसने और कुछ भड़का दिया॥

इस जिन्दगी ने हमको क्या से क्या बना दिया।
हम भीड़ में चलते हैं फिर भी तन्हा बना दिया॥

तकदीर के मारे हैं हम कुछ कर नहीं सकते।
तकदीर ने किस रास्ते की धूल बना दिया॥

गैरों से क्या कहते खुद अपनों ने धोखा दे दिया।
मेरे उम्र भर के प्यार को एक पल में जला दिया॥

तन्हाई में अपनों का धोखा बेकरार कर जाता है।
घुट-घुटके जीते जिन्दगी क्या हाल बना दिया ॥

हम तो कभी ऐसे न थे जैसा उन्होंने समझा है। -
छोटी सी हर एक बात को इतना बढ़ा दिया॥


अपनों से धोखा खाके हम अब तो सम्भलकर चलते हैं।
ठोकर न लग जाये कभी पत्थर को देखकर चलते हैं॥

टकरा भी जायें पत्थरों से अब नहीं रोयेंगे सनम।
जब भी बाहर जाते हैं सूरत बदलकर चलते हैं॥

अब तो जमाने से हमें दिन रात डर सा लगता हैं।
अच्छाई को अब छोड़कर जालिम ढलकर चलते हैं॥

हम जिस चमन में गये उसने हमें कांटे दिये।
बस इसलिए हम अब सदा कांटों को चुनकर चलते हैं।

हर महफिलों में शम्मा ने हंसकर हमें जलाया है।
जलने का हमें शोख है शम्मा में जलकर चलते हैं॥


तन्हाई की शाम में जीना सिखागये।
हम पीते न थे शराब पीना सिखा गये॥

अब याद तेरी आती है तो याद हम करते नहीं।
यादों के बिखरे प्यार का जीना सिखा गये॥

सुनकर तेरा इजहार हम दिल में खुशी हो लेते हैं।
तेरे प्यार के हर शब्द से हम गम को धो लेते हैं ॥




निगाहें तुम्हें ढूंढती हैं हर पल,
अब तुम कोई निशानी दे दो।
अगर लिखकर नहीं दे सकते,
तो जवाब कोई जुबानी दे दो॥


भगवान तेरे दर पर यही बस पुकार करता हूँ।
मेरी भी खुशी दे दो उसे, जिससे मैं प्यार करता हूँ।



कुछ उदास है।जिन्दगी सूनी हुई राहेँ ।
ना जुल्फ के साये मिले ना प्यार की बाँहे॥


हम आस लगाये बैंठे धे एक दिन तो खुशी का आयेगा।
वह गम में बीते हुए दिन को एक पल में ठुकरा जायेगा॥

ए काश हम भी जी लेते जो और जिन्दगी जीते हैं।
हमको भी आदत हो जाती जो जाम गमों के पीते हैं॥

जैसे अपने आँचल में सब अपनी खुशियों को भरते हैं।
हम भी आँचल को सी लेते जैसे सब लोग भी सी लेते हैं॥

ए सनम मुझको बता दो क्या हुई मुझमें खतायें।
कौन से कारण पै तुमने छोड़ दीं अपनी बफायें ॥

क्यो नहीं मुझसे मिले तुम क्यों न ली मेरी खबर।
किस बात के कारण मिल रहीं मुझको सजायें ॥

हाँ मेरी इतनी खता थी तुमको अपना माना था।
जो हो गयी सो हो गयी पर अब न मेरा दिल दुखायें।॥

आज भी हम चाहते हैं फिर तुम्हारी दोस्ती।
आज पहले से तुम्हारी ओर कदमों को बढ़ायें ।



तुम शहर मेरा छोड़कर अपने शहर को चल दिये।
नजरों से क्या तुम आज मेरे दिल सदा से दूर हो ॥

लगता है तुमको आज नया कोई दोस्त शायद मिल गया।
बस आज उसकी चाह में तुम दिल में कुछ मगरूर हो ॥

तुमसे हमें कितनी मुहब्बत थी न अब तक कह सके।
दिल में छिपाने से भी हम अब खुश नहीं रह पायेंगे।

दिल मे जलन सी होती है पर दिल भी तो जलता नहीं।
एक बार जो जल जायें तो हम नींद में सो जायेंगे॥

ना तेरे जाने का गम हमको कभी छु पायेगा।
हम इस जहाँ को छोड़कर दूजे जहाँ में जायेंगे ॥

ए खुदा आज हमको मौत भी गर आ गयी।
हम उसे हैँराते-हँसते सीने से लगायेंगे ॥

ए सनम तेरे आने से पहले ही हम जो मर गये।
तो तेरी सूरत देखने को आँखे खुली रह जायेंगी ॥

जब आके मेरे पास में तुम मेरी आँखें देखोगे।
तो तेरी सूरत की छबी मेरी आँख में रह जायेगी ॥



थाने या जेल का नहीं डर मुझको दिखाना।
दिलदार तेरे हुम्न का बन्दा है दिवाना॥


रहो आजाद दुनियाँ में दुआ में दिल से करता हूँ।
खुदा के नाम से पहले तुम्हारा नाम लेता हूँ।

लड़ी आंख सेआंख मुहब्बत हो गईं।
पड़ा गाल पर हाथ तो हजामत हो गई


हवा जब तेज चलती है झरोखे टूट जाते हैं।
नये जब दोस्त मिलते हैं पुराने छूट जाते है।


किसी की याद में खोये हजूर बैठे हैं।
किसी को दिल में बसाये जरूर बँठे हैं